जान से ज्यादा कीमती नहीं परीक्षा
…..इस समय का
सदुपयोग उन्हें यह सीखने के लिए करना चाहिए कि अचानक सामने आई बड़ी से बड़ी समस्या
का किस तरह से सामना किया जाता है? यह ‘कॉन्फ्लिक्ट
रिजोल्यूशन’ के गुर सीखने का समय है। तनाव, दबाव का बखूबी
सामना करने का कौशल बच्चों को अभी सीखना चाहिए…..12वीं
के बच्चों के पास संभवत: जीवन का यह पहला मौका होगा, जब वे
बिना किसी बंधन के अलग-अलग विधा की किताबें पढ़कर आनंद का अनुभव कर सकते हैं।
बच्चों को ‘लाइफ लॉन्ग लर्निंग’ का महत्व भी सीखना चाहिए…..समाज कैसे एक-दूसरे की मदद कर रहा है। सहयोग और सेवा की यह भावना अदृश्य
जरूर है, लेकिन महत्वपूर्ण है…..शिक्षा
की गतिशीलता ही उसकी उपयोगिता निर्धारित करती है और मानव को उसके लक्ष्यों की ओर
ले जाती है…..
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